भूमिका
http://raghavpuja.comभारतीय संस्कृति में विवाह को एक अत्यंत पवित्र बंधन माना गया है। परंतु कई बार ग्रहों की अनुकूलता न होने के कारण विवाह में देरी होती है या फिर विवाह संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विवाह में हो रही देरी या बाधाओं को दूर करने के लिए कई ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं जो वैदिक ज्योतिष पर आधारित होते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि विवाह में देरी क्यों होती है, किन ग्रहों का प्रभाव होता है, और किन अचूक ज्योतिष उपायों को अपनाकर विवाह संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
विवाह में देरी के कारण – ग्रह दोषों की भूमिका
1. मंगल दोष (Mangal Dosh)
मंगल ग्रह अगर जन्म कुंडली के 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में स्थित हो, तो उसे मंगल दोष कहते हैं। यह दोष विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में कलह का कारण बनता है।
2. शनि का प्रभाव (Shani Dosh)
अगर शनि सातवें भाव में है या शनि की साढ़ेसाती/ढैय्या चल रही है, तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
3. गुरु और शुक्र की स्थिति
गुरु (बृहस्पति) और शुक्र विवाह के प्रमुख कारक ग्रह हैं। इनकी अशुभ स्थिति विवाह संबंधी समस्याओं को जन्म देती है।
4. नाड़ी दोष
कुंडली मिलान के समय नाड़ी दोष भी विवाह में रुकावट का कारण बन सकता है।
जल्दी विवाह के लिए ज्योतिष उपाय
1. मंगल दोष निवारण के उपाय
- मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें और “हनुमान चालीसा” का पाठ करें।
- मंगल दोष शांति के लिए “मंगल ग्रह शांति पूजा” कराएं।
- कन्या को हनुमान जी का सिंदूर चढ़ाकर प्रतिदिन थोड़ा सा सिंदूर अपने मस्तक पर लगाना शुभ होता है।
2. शुक्रवार का व्रत
शुक्रवार को माँ लक्ष्मी और माँ संतोषी की पूजा करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन सफेद वस्त्र धारण करें और खीर का भोग लगाएं।
3. गौ सेवा और कन्याओं को भोजन
- हर गुरुवार को पाँच कन्याओं को भोजन कराना और उपहार देना शुभ होता है।
- गौ सेवा करने से पुण्य फल प्राप्त होता है और विवाह के योग जल्दी बनते हैं।
4. शिव-पार्वती की पूजा
- सोमवार के दिन व्रत रखें और शिवलिंग पर जल व बेलपत्र अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।
- शिव-पार्वती विवाह मंत्र का जाप करने से विवाह योग मजबूत होते हैं।
विवाह मंत्र:
“ऊं हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिय।
तथा मां कुरु कल्याणि कांता कांता सुदुर्लभाम्॥”
5. कुण्डली मिलान अवश्य कराएं
विवाह से पहले कुंडली मिलान से कई समस्याओं से बचा जा सकता है। यदि नाड़ी दोष या भकूट दोष है तो उसके लिए विशेष पूजा करानी चाहिए।
रत्न पहनने से विवाह में लाभ
- पुखराज (Topaz): गुरुवार के दिन पुखराज धारण करना लड़कियों के लिए शुभ होता है।
- हीरा (Diamond): शुक्र को बलवान करने के लिए हीरा धारण किया जा सकता है।
- कोरल (Moonga): मंगल दोष निवारण हेतु लाल मूंगा उपयुक्त होता है।
नोट: रत्न धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
विशेष ज्योतिषीय टोटके
- शादी में विलंब हो रहा हो तो प्रतिदिन प्रातः “कात्यायनी देवी” का पूजन करें।
मंत्र: “ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः॥” - सूर्य को जल अर्पण करने से आत्मबल बढ़ता है और विवाह की राह सरल होती है।
- पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर 108 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
निष्कर्ष
अगर विवाह में बार-बार रुकावट आ रही है या योग्य जीवनसाथी नहीं मिल पा रहा है, तो घबराएं नहीं। वैदिक ज्योतिष के उपाय, सही पूजा-पाठ और सकारात्मक सोच से आप अपने जीवन में विवाह की खुशियाँ ला सकते हैं। कुंडली विश्लेषण के बाद किए गए ज्योतिषीय उपाय निश्चित रूप से शुभ फल प्रदान करते हैं।
यदि आप चाहते हैं कि आपकी कुंडली का गहन विश्लेषण हो और आपको व्यक्तिगत उपाय बताए जाएँ, तो आप अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q. क्या केवल टोटके से विवाह संभव है?
A. टोटके तभी असर करते हैं जब आप उन पर विश्वास करें और नियमित रूप से करें। साथ ही सही ज्योतिषीय मार्गदर्शन जरूरी है।
Q. क्या सभी के लिए एक ही उपाय होता है?
A. नहीं, हर व्यक्ति की कुंडली भिन्न होती है। उपाय भी व्यक्ति विशेष के अनुसार भिन्न होते हैं।
Q. कितने समय में उपाय का असर दिखता है?
A. आमतौर पर उपाय नियमित रूप से करने पर 3 से 6 महीने में सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं।