भगवान श्री सूर्य

-भगवान श्री सूर्य – जीवनदाता और प्रकाश के देवताभगवान सूर्य का परिचयहिंदू धर्म में भगवान श्री सूर्य को जीवन का स्रोत, प्रकाश के देवता और नवग्रहों के राजा माना गया है। सूर्य देव केवल भौतिक ऊर्जा ही नहीं, बल्कि आत्मबल, स्वास्थ्य और सफलता के भी दाता हैं। वे आकाश में प्रतिदिन उदय होकर सम्पूर्ण जगत … Read more

भगवान् श्रीकृष्ण

भगवान् श्रीकृष्ण ‘तू जिसे इतने उत्साहसे पहुँचाने जा रहा है, उसीका आठयाँ पुत्र तेरा काल होगा। आकाशवाणी सुनकर कंस चौंका। वह अपनी छोटी बहन देवकीको विवाह होनेके बाद बड़े उत्साहसे पहुँचाने जा रहा था। कंस मृत्युके भयसे काँप उठा। वह तलवार खींचकर अपनी बहनका वध करनेके लिये तैयार हो गया। वसुदेवजीने देवकीसे उत्पन्न शिशुओंको कंसको … Read more

एकादशी व्रत कथा

एकादशी व्रत कथा यूधिष्ठिर बोले – भाद्रपदके कृष्णपक्षमें किस नामकी एकादशी होती है। हे जनार्दन ! कहिये, मैं उसे सुनना चाहता हूँ ॥ १ ॥ श्रीकृष्ण बोले- हे राजन् ! तुम सावधान होकर सुनो, मैं विस्तारपूर्वक कहूँगा। अजा नामसे प्रसिद्ध यह एकादशो संपूर्ण पापोंको नष्ट करनेवाली है ॥ २ जोमनुष्य एकादशी व्रत कथा हृषीकेश भगवान्की … Read more

रुद्रावतार श्रीहनुमान्

रुद्रावतार श्रीहनुमान् रुद्रावतार श्रीहनुमान् भारतवर्षमें श्रीहनुमान्जीकी उपासना अत्यन्त व्यापक है। वे सभी मङ्गलोंके मूल कारण तथा रुद्रके अवतार हैं। भगवान् शंकर और नारायण परस्पर एक-दूसरेके भक्त हैं, किन्तु जब नारायणने नररूप धारण करके श्रीरामके नामसे अवतार ग्रहण किया, तब शिवजीने भगवान् श्रीरामकी उपासनाके लिये रुद्ररूपको छोड़कर वानररूपमें अवतार लिया। उनके द्वारा समुद्र लाँधकर सीताका पता … Read more

अग्निदेव

अग्निदेव अग्निदेवता यज्ञके प्रधान अङ्ग हैं। ये सर्वत्र प्रकाश करनेवाले एवं सभी पुरुषार्थीको प्रदान करनेवाले हैं। सभी रत्न अग्निसे उत्पन्न होते हैं और सभी रत्नोंको यही धारण करते हैं। वेदोंमें सर्वप्रथम ऋग्वेदका नाम आता है और उसमें प्रथम शब्द अग्नि ही प्राप्त होता है। अतः यह कहा जा सकता है कि विश्व-साहित्यका प्रथम शब्द अग्नि … Read more

नारायणकवचम्

नारायणकवचम् नारायणकवचम् नारायणकवचम् राजोवाच गुप्तः यया सहस्राक्षः सवाहान् रिपुसैनिकान् । क्रीडन्निव विनिर्जित्य त्रिलोक्या बुभुजे श्रियम् ॥१॥ भगवंस्तन्ममाख्याहि वर्म नारायणात्मकम् । यथाऽ ऽ ततायिनः शत्रून् येन गुप्तोऽजयन्मृधे ॥ २॥ श्रीशुक उवाच वृतः पुरोहितस्त्वाष्ट्रो महेन्द्रायाऽनुपृच्छते । नारायणाख्यं वर्माह तदिहैकमनाः शृणु ॥३॥ विश्वरूप उवाच धौतांघ्रिपाणिराचम्य सपवित्र उदङ्मुखः ।कृतस्वाङ्गकरन्यासो मन्त्राभ्यां वाग्यतः शुचिः ॥४॥ नारायणमयं वर्म सन्नोद् भय आगते । … Read more

सत्यनारायण व्रत कथा | सत्यनारायण व्रत कथा हिंदी में

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सत्यनारायण व्रत का महत्व सत्यनारायण व्रत भगवान विष्णु के सत्यस्वरूप रूप की पूजा का एक पवित्र अनुष्ठान है। यह व्रत पूर्णिमा, एकादशी, या किसी भी शुभ तिथि पर किया जा सकता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।यह व्रत विशेष रूप से परिवार की खुशहाली, … Read more