मोहिनी एकादशी: महत्व, व्रत विधि और कथा

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मोहिनी एकादशी

मोहिनी एकादशी का परिचय

मोहिनी एकादशी हिंदू धर्म में एक पवित्र व्रत है जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका नाम “मोहिनी” (भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार) के नाम पर रखा गया है। इस व्रत को रखने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मोहिनी एकादशी 2025 की तिथि और उत्सव

  • एकादशी तिथि: 19 मई 2024 (रविवार)
  • व्रत पारण समय: 20 मई, सुबह 05:36 AM से 08:20 AM तक

मोहिनी एकादशी व्रत विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा करें, उन्हें तुलसी दल, फल, फूल और धूप-दीप अर्पित करें।
  3. व्रत का संकल्प लें और दिनभर उपवास रखें।
  4. शाम को दीपदान करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  5. अगले दिन द्वादशी तिथि पर पारण (व्रत तोड़ना) करें और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दें।

मोहिनी एकादशी की पौराणिक कथा

http://Google.comपुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और असुरों के बीच अमृत बंटवारे को लेकर विवाद हो गया। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को अमृत पिलाया और असुरों को मोहित करके उन्हें अमृत से वंचित रखा। इसी घटना की याद में मोहिनी एकादशी मनाई जाती है।

मोहिनी एकादशी का महत्व

  • इस व्रत से पापों का नाश होता है और आत्मिक शुद्धि मिलती है।
  • यह व्रत धन-समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करता है।
  • इस दिन दान-पुण्य करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष

मोहिनी एकादशी का व्रत भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी है। इस दिन पूर्ण श्रद्धा से भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

जय श्री विष्णु! 🙏


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