ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर करें ये उपाय – मिलेंगे चमत्कारी लाभ

परिचय:

हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष भर में 12 अमावस्या तिथियां आती हैं, जिनमें से ज्येष्ठ मास की अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इसे ‘भूतड़ी अमावस्या’, ‘वट सावित्री अमावस्या’ और ‘शनि अमावस्या’ के रूप में भी जाना जाता है। यह तिथि विशेष रूप से पितृ तर्पण, पितरों के उद्धार, शनि दोष शांति और तंत्र उपायों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस दिन कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय करने से न सिर्फ जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि आर्थिक और मानसिक समस्याओं का भी समाधान संभव होता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं जो जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकते हैं।


ज्येष्ठ अमावस्या 2025 कब है?

ज्येष्ठ अमावस्या 2025 में 29 मई (बुधवार) को मनाई जाएगी। यह दिन पितृ शांति, शनि दोष निवारण और तंत्र साधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।


ज्येष्ठ अमावस्या पर करें ये प्रभावशाली उपाय:

1. पितृ तर्पण और पिंड दान

इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर पितरों के लिए तर्पण करना अत्यंत फलदायी माना गया है। इससे पितृ दोष दूर होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

उपाय:
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी, तालाब या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। फिर पितरों का स्मरण कर तिल, जल और कुश से तर्पण करें। साथ ही जरूरतमंद ब्राह्मण को भोजन कराएं।


2. शनि दोष शांति उपाय

ज्येष्ठ अमावस्या अक्सर शनिवार के दिन आती है, जिससे इसका संबंध शनि देव से जुड़ जाता है। अगर कुंडली में शनि दोष या साढ़ेसाती चल रही हो तो यह दिन विशेष लाभकारी है।

उपाय:

  • शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • काली चीजों जैसे उड़द, काला कपड़ा, काले तिल आदि का दान करें।
  • ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें।

3. वट वृक्ष की पूजा (वट सावित्री व्रत)

इस दिन वट (बड़) वृक्ष की पूजा करने से सौभाग्य, संतान सुख और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है।

उपाय:

  • वट वृक्ष के नीचे जल चढ़ाकर मौली से पेड़ को बांधें।
  • कथा सुनें और व्रत का संकल्प लें।
  • मिठाई और फल चढ़ाकर ब्राह्मण को दान दें।

4. तंत्र-मंत्र और ऊपरी बाधा से मुक्ति के उपाय

ज्येष्ठ अमावस्या रात तांत्रिक साधना के लिए उपयुक्त मानी जाती है। जिन लोगों को नकारात्मक ऊर्जा, नजर दोष या ऊपरी बाधा की समस्या हो, उनके लिए यह दिन अति लाभकारी होता है।

उपाय:

  • काले धागे में सात लोंग और सात काली मिर्च बांधकर घर के मुख्य द्वार पर लटकाएं।
  • नींबू में चार लौंग लगाकर ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ मंत्र का 21 बार जाप करें और नींबू को अपने ऊपर से वारकर चौराहे पर फेंक दें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।

5. गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न-वस्त्र का दान

इस दिन दान-पुण्य करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। खासतौर पर अन्न, वस्त्र और जल का दान करने से पितृ और देवता दोनों प्रसन्न होते हैं।

उपाय:

  • गर्मी के मौसम में पानी, चावल, गुड़ और सत्तू का दान करें।
  • प्याऊ या जल की व्यवस्था करवाएं।
  • पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें।

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन क्या न करें?

  • इस दिन बाल कटवाना, नाखून काटना, झगड़ा करना और मांसाहार वर्जित है।
  • सूर्यास्त के बाद बाहर खाना खाने से बचें।
  • इस दिन अधिक क्रोध न करें और मन शांत रखें।

ज्येष्ठ अमावस्या का ज्योतिषीय महत्व

ज्येष्ठ अमावस्या शनि, चंद्र और राहु जैसे ग्रहों की शांति के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस दिन किए गए उपायों से ग्रह दोष, कालसर्प दोष और पितृ दोष जैसे ज्योतिषीय दोषों का निवारण संभव होता है। जो लोग आर्थिक तंगी, विवाह में रुकावट या संतान संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, उन्हें इस दिन विशेष साधनाएं करनी चाहिए।


निष्कर्ष:

ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस दिन श्रद्धा, नियम और विधि-विधान से किए गए उपाय निश्चित रूप से शुभ फल प्रदान करते हैं। यदि आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति चाहते हैं, तो इस दिन का पूर्ण लाभ उठाएं और बताए गए उपायों को अपनाएं।


Leave a Comment