शनि की साढ़ेसाती एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय अवधि है, जो प्रत्येक राशि के जीवन में गहरा प्रभाव डालती है। मीन राशि के जातकों के लिए यह समय विशेष ध्यान देने योग्य है, क्योंकि वर्तमान में वे साढ़ेसाती के दूसरे चरण से गुजर रहे हैं।
शनि साढ़ेसाती के चरण:
साढ़ेसाती का दूसरा चरण
साढ़े साती तीन चरणों में अलग-अलग होती है, प्रत्येक चरण की शक्ति वर्ष का होता है:
- प्रथम चरण: इसमें जातक की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। आय की तुलना में व्यय अधिक होते हैं, और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
- द्वितीय चरण: यह चरण पारिवारिक और व्यवसायिक जीवन में उतार-चढ़ाव ला सकता है। रिश्तेदारों से कष्ट, लंबी यात्राएं, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- तृतीय चरण: इसमें भौतिक सुखों में कमी, आय की तुलना में व्यय में वृद्धि, और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। परिवार में वाद-विवाद और संतान से मतभेद भी संभव हैं।
मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव:
मीन राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है, जो परिवार और व्यावसायिक जीवन में चुनौतियाँ ला सकता है। हालाँकि, यह भी माना जाता है कि यदि व्यक्ति के कर्म अच्छे हैं, तो शनि देव का प्रभाव सकारात्मक हो सकता है। इस चरण में मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। पेट, हृदय और किडनी से संबंधित रोग होने की संभावना बनी रहती है, साथ ही किसी से भी धोखा मिलने की संभावना भी बनी रहती है। रिश्तों में दरार और अलौकिक भय बढ़ सकता है। साढ़ेसाती का दूसरा चरण

साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के उपाय:
- हनुमान जी की पूजा: रोजाना स्नान के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनिवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ाएं।
- शनि स्तोत्र का पाठ: शनिवार के दिन शनि स्तोत्र का पाठ करें और तेल का दीपक जलाएं।
- दान करें: शनिवार के दिन काले तिल, उड़द की दाल, चमड़े के जूते, और छाते का दान करें।
- पीपल की पूजा: हर गुरुवार और शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
इन उपायों से शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
Discover more from Astro Shiv
Subscribe to get the latest posts sent to your email.





2 thoughts on “साढ़ेसाती का दूसरा चरण मीन राशि के लिए बनाया जा सकता है चमकाना – आश्चर्यजनक प्रभाव और मुक्ति का उपाय”