
-भगवान श्री सूर्य – जीवनदाता और प्रकाश के देवताभगवान सूर्य का परिचयहिंदू धर्म में भगवान श्री सूर्य को जीवन का स्रोत, प्रकाश के देवता और नवग्रहों के राजा माना गया है। सूर्य देव केवल भौतिक ऊर्जा ही नहीं, बल्कि आत्मबल, स्वास्थ्य और सफलता के भी दाता हैं। वे आकाश में प्रतिदिन उदय होकर सम्पूर्ण जगत को प्रकाश और जीवन प्रदान करते हैं।हिंदू शास्त्रों में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। वेदों में सूर्य को ‘सविता’ और ‘आदित्य’ नाम से संबोधित किया गया है। भगवान श्री सूर्य की उपासना से मानसिक शांति, रोग निवारण और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।–
-भगवान श्री सूर्य की पुराणों
के अनुसार, भगवान सूर्य महर्षि कश्यप और अदिति के पुत्र हैं। उन्हें आदित्य भी कहा जाता है। वैदिक परंपरा में सूर्य को ब्रह्मांड की आत्मा और परमात्मा का ही स्वरूप माना गया है। सूर्य देव के रथ में सात घोड़े जुते होते हैं, जो सात रंगों और सात चक्रों के प्रतीक हैं।—भगवान सूर्य की पूजा का महत्व1. स्वास्थ्य लाभ – सूर्य उपासना से रोगों का नाश होता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।2. मानसिक शक्ति – सूर्य नमस्कार और सूर्य मंत्रों के जाप से मानसिक शांति मिलती है।3. आर्थिक उन्नति – सूर्य देव की कृपा से जीवन में समृद्धि और ऐश्वर्य आता है।4. आध्यात्मिक लाभ – सूर्य की उपासना से आत्मबल बढ़ता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।—सूर्य पूजा के प्रमुख दिन और समयरविवार सूर्य देव की पूजा का विशेष दिन माना जाता है।सूर्योदय का समय सूर्य उपासना के लिए सर्वोत्तम होता है।मकर संक्रांति, छठ पूजा और रथ सप्तमी सूर्य देव की विशेष पूजा के पर्व हैं।—सूर्य मंत्र और स्तोत्रभगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए निम्न मंत्र का जप करना शुभ माना जाता है –ॐ घृणिः सूर्याय नमःइसके अतिरिक्त आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से शत्रु भय समाप्त होता है और साहस की वृद्धि होती है।—सूर्य नमस्कार का महत्वयोग में सूर्य नमस्कार का अत्यंत महत्व है। इसमें 12 आसनों का समावेश होता है, जो शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाते हैं। यह प्राचीन काल से सूर्य की उपासना का श्रेष्ठ तरीका है।—भगवान सूर्य से संबंधित प्रमुख मंदिर1. कोणार्क सूर्य मंदिर (ओडिशा) – विश्व धरोहर स्थल।2. मोडhera सूर्य मंदिर (गुजरात) – स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण।3. मार्तंड सूर्य मंदिर (जम्मू-कश्मीर)4. लोढरवा सूर्य मंदिर (राजस्थान)—भगवान सूर्य से जुड़े धार्मिक पर्वछठ पूजा – बिहार और पूर्वी भारत का प्रमुख पर्व।मकर संक्रांति – सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का उत्सव।रथ सप्तमी – सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाने वाला पर्व।—भगवान सूर्य की कृपा पाने के उपाय1. प्रतिदिन सूर्योदय के समय जल अर्पण करें।2. रविवार के दिन व्रत रखें और लाल वस्त्र पहनें।3. सूर्य मंत्र का जप करें।4. गरीबों और ब्राह्मणों को गेहूं, गुड़ और लाल वस्त्र दान करें।—
FAQ – भगवान श्री Q1
. भगवान सूर्य की पूजा किस दिन करनी चाहिए?रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।Q2. सूर्य को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन ऊर्जा, स्वास्थ्य और आत्मबल की प्राप्ति होती है।Q3. सूर्य देव को कौन सा रंग प्रिय है?सूर्य देव को लाल रंग अत्यंत प्रिय है।Q4. सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?सूर्योदय का समय सूर्य नमस्कार और सूर्य उपासना के लिए श्रेष्ठ है।Q5. सूर्य देव की कृपा कैसे प्राप्त करें?सूर्य मंत्र का जप करें, जल अर्पण करें और नियमित रूप से रविवार का व्रत रखें।—निष्कर्षभगवान श्री सूर्य केवल ज्योति और ऊर्जा के ही नहीं, बल्कि जीवन, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के भी दाता हैं। उनकी उपासना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और कठिनाइयाँ दूर होती हैं। नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करना और सूर्य मंत्रों का जप करना मानव जीवन को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।—SEO कीवर्ड्सभगवान श्री सूर्यसूर्य देव की पूजासूर्य नमस्कार का महत्वसूर्य मंत्रसूर्य को जल अर्पणसूर्य मंदिरछठ पूजामकर संक्रांतिरथ सप्तमीसूर्य उपासना—
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