गणेशाष्टकम् 2

चतोऽनन्तशक्तेरनन्तास जीवा चतो निर्गुणादप्रमेया गुणास्ते । यतो भाति सर्व त्रिधा भेदभित्रं सदा तं गणेशं नमामो भजामः ॥१॥ चतचाविरासीज्जगत्सर्वमेतत् तथाऽब्जासनी विश्वनी विश्वगीता । तणेन्द्रादयो देवसड्डा मनुष्याः सदा तं गणेशं नमाणी भजामः ॥२॥ यतो वहि-भानू भयो भूर्जलं च यतः सागराचन्द्रमा व्योष वायुः । यतः स्थावरा जङ्गमा वृक्षसद्धाः सदा तं गणेशं नमामो भजामः ॥३॥ यतो दानवाः किन्त्ररा यक्षसङ्घा … Read more

pashupatastra

संग्रहात्मक, जगत् के रक्षक भगवान् पशुपति को प्रसन्न करने वाला यह स्तोत्र है । इस स्तोत्र में भगवान् पशुपति (शिव ) से रक्षा के निमित्त पांच श्लोकों में प्रार्थना की गयी है । हे पशुपति नाथ ! आप सर्वविध हमारी रक्षा करें । स पातु वो यस्य जटाकलापे              स्थितः शशाङ्क: स्फुटहारगौरः ।नीलोत्पलानामिव नालपुञ्जे              निद्रायमाणः शरदीव  … Read more

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं ।आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं ।॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे,प्यारी बंसी मेरो मन मोहे ।देख छवि बलिहारी मैं जाऊं ।॥ श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं..॥ चरणों से निकली गंगा प्यारी,जिसने सारी दुनिया तारी ।मैं उन चरणों के दर्शन … Read more

‎दुर्गा चालीसा

दुर्गा चालीसा ‎नमो नमो दुर्गे सुख करनी।‎नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥‎ ‎निरंकार है ज्योति तुम्हारी।‎तिहूं लोक फैली उजियारी॥‎ ‎शशि ललाट मुख महाविशाला।‎‎नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥‎ ‎रूप मातु को अधिक सुहावे।‎दरश करत जन अति सुख पावे॥‎‎ ‎तुम संसार शक्ति लै कीना।‎पालन हेतु अन्न धन दीना॥‎ ‎अन्नपूर्णा हुई जग पाला।‎तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥‎ ‎प्रलयकाल सब नाशन … Read more

shiv panchakshar stotra

shiv panchakshar stotra नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय।नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै अपराधीाय नमः शिवाय मंदाकिनीसलिलचंदनचर्चितायनंदीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।मन्दारपुष्पबाहुपुष्पसुपूजितायतस्मै मकराय नमः शिवायशिवाय गौरीवदनाभवृन्दसूर्याय दक्षाध्वर्नाकाय।श्रीनीलकण्ठाय वृषभध्वजायतस्मै शिकाराय नमः शिवाय कुंभोद्भवगौतमार्यमुनिन्द्र देवार्चिता शेखराय।चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनायतस्मै वक्राय नमः शिवाययज्ञस्वरूपाय जटाधरायपिनाकहस्ताय सनातनाय।दिव्याय देवाय दिगम्बरायतस्मै यकाराय नमः शिवाय पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पचेच्छिवसंनिधौ।शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदतेअर्थवे पास हैं जिनके पास साइयों के राजा हैं, उनके माला के रूप हैं, और … Read more