shree suktam

shree suktam ॐ हिरण्यवर्णं हरिणीं, सुवर्णार्जतस्त्रजाम्।चन्द्रां हिरण्यमयं लक्ष्मीं, जातवेदो मा आ वह।। तं म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमन्पगामिनीम्।यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गमश्वं पुरुषान्हम्।। अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनिम।श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीमा देवी जुष्टाम्।। कं सोमितं हिरण्यप्राकारमर्द्रं ज्वलन्तिं तृप्तां तर्पयन्तिम्।पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तमिहोप ह्वये श्रियम्।। चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्ति श्रियं लोके देवजुष्टामुदारम्।तं पद्मिनीमिं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे।। … Read more

narsingh chalisa

narsingh chalisa नित-प्रति पाठ करे इक बारा‎सो नर रहे तुम्हारा प्यारा।।35।।‎‎नरसिंह चालीसा जो जन गावे‎दु:ख-दरिद्र ताके निकट न आवे।।36।।‎‎चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावे‎सो नर जग में सब कुछ पावे।।37।।‎‎यह श्री नरसिंह चालीसा‎पढ़े रंक होवे अवनीसा।।38।।‎‎जो ध्यावे सो नर सुख पावे‎तोही विमुख बहु दु:ख उठावे।।39।।‎‎‘शिवस्वरूप है शरण तुम्हारी‎हरो नाथ सब विपत्ति हमारी’।।40।।‎‎चारों युग गायें तेरी महिमा अपरंपार।‎निज … Read more

parvati chalisa

parvati chalisa दोहा ॥‎जय गिरि तनये दग्ये शम्भू प्रिये गुणखानि‎गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवामिनी‎‎॥ चौपाई ॥‎ब्रह्मा भेद न तुम्हारे पावे, पांच बदना नित तुमको ध्यावे‎षट्मुखकाही न सक्तयश तेरो, सहसब श्रम करात घनेरो ॥1॥‎‎तेरो पार न पाबत माता, स्थित रक्षा ले हित दण्ड,‎आधार प्रबल सदृसिह अरुणाय, अति कामनाय नयन कजरारे ॥2॥‎‎ललित लालट विलेपिट … Read more

hanuman vadvanal stotra

hanuman vadvanal stotra विनियोग ॐ अस्य श्री हनुमान् वडवानल-स्तोत्र-मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः,श्रीहनुमान् वडवानल देवता, ह्रां बीजम्, ह्रीं शक्तिं, सौं कीलकं,मम समस्त विघ्न-दोष-निवारणार्थे, सर्व-शत्रुक्षयार्थेसकल-राज-कुल-संमोहनार्थे, मम समस्त-रोग-प्रशमनार्थम् आयुरारोग्यैश्वर्याऽभिवृद्धयर्थं समस्त-पाप-क्षयार्थंश्रीसीतारामचन्द्र-प्रीत्यर्थं च हनुमद् वडवानल-स्तोत्र जपमहं करिष्ये। ध्यानमनोजवं मारुत-तुल्य-वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।वातात्मजं वानर-यूथ-मुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।। ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते प्रकट-पराक्रमसकल-दिङ्मण्डल-यशोवितान-धवलीकृत-जगत-त्रितयवज्र-देह रुद्रावतार लंकापुरीदहय उमा-अर्गल-मंत्रउदधि-बंधन दशशिरः कृतान्तक सीताश्वसन वायु-पुत्रअञ्जनी-गर्भ-सम्भूत … Read more

hanuman ji ki aarti

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे। hanuman ji ki … Read more

surya chalisa

surya chalisa दोहा ॥‎कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग,‎पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥‎चौपाई ॥‎जय सविता जय जयति दिवाकर,‎सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥‎‎भानु पतंग मरीची भास्कर,‎सविता हंस सुनूर विभाकर॥‎‎विवस्वान आदित्य विकर्तन,‎मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥‎‎अम्बरमणि खग रवि कहलाते,‎वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ 4‎‎सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि,‎मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥‎‎अरुण सदृश सारथी मनोहर,‎हांकत हय साता चढ़ि रथ पर॥‎‎मंडल की महिमा … Read more

radha chalisa

radha chalisa ‎दोहा ॥‎श्री राधे वुषभानुजा,‎भक्तनि प्राणाधार ।‎वृन्दाविपिन विहारिणी,‎प्रानावौ बारम्बार ॥‎जैसो तैसो रावरौ,‎कृष्ण प्रिया सुखधाम ।‎चरण शरण निज दीजिये,‎सुन्दर सुखद ललाम ॥‎‎॥ चौपाई ॥‎जय वृषभान कुँवरी श्री श्यामा ।‎कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥‎‎नित्य विहारिनि श्याम अधारा ।‎अमित मोद मंगल दातारा ॥‎‎रास विलासिनि रस विस्तारिनि ।‎सहचरि सुभग यूथ मन भावनि ॥‎‎नित्य किशोरी राधा गोरी ।‎श्याम प्राणधन … Read more

aparajita stotram

aparajita stotram श्रीत्रैलोक्यविजया अपराजितास्तोत्रम्।ॐ नमोऽपराजितायै।ॐ अस्य वैष्णवायः पराया अजिताय महाविद्याःवामदेव-बृहस्पति-मार्कण्डेय ऋषयः।गायत्र्युष्णिग्नुस्तुब्बृहति छन्दंसि।लक्ष्मीनृसिंहो देवता ।ॐ क्लीं श्रीं ह्रीं बीजम्।हुं शक्तिः ।सकलकामनासिद्ध्यर्थं अपराजितविद्यामन्त्रपथे विनियोगः।ॐ नीलोत्पलदलश्यामां भुजङ्गाभरणन्विताम्।शुद्धस्फटिकासङकाशां चन्द्रकोटिनिभन्नाम् ॥ ॥शंखचक्रधरां देवी वैष्णवीमपराजिताम्बालेन्दुशेखरं देवीं वरदाभ्यदायिनीम् ॥ 2॥नमस्कृत्य पपाठैनां मार्कण्डेयो महात्पाः ॥ 3॥मार्कण्डेय उवाच –शृणुष्वं मनुष्यः सर्वे सर्वकामार्थसिद्धिदाम्।असिद्धसाधनिं देवीं वैष्णवीम्पराजिताम् ॥ 4॥ॐ नमो नारायणाय, नमो भगवते वासुदेवाय,नमोऽस्तवनन्ताय सहस्रशीर्षायने, क्षीरोदार्नवशायिने,शेषभोगपर्यङ्काय, गरुड़वाहनाय, … Read more

mata vaishno devi chalisa

mata vaishno devi chalisa गरुड़ वाहिनी वैष्णवी‎त्रिकुटा पर्वत धाम‎काली, लक्ष्मी, सरस्वती,‎शक्ति तुम्हें प्रणाम।‎‎॥ चौपाई ॥‎नमो: नमो: वैष्णो वरदानी,‎कलि काल मे शुभ कल्याणी।‎मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी,‎पिंडी रूप में हो अवतारी॥‎‎देवी देवता अंश दियो है,‎रत्नाकर घर जन्म लियो है।‎करी तपस्या राम को पाऊं,‎त्रेता की शक्ति कहलाऊं॥‎‎कहा राम मणि पर्वत जाओ,‎कलियुग की देवी कहलाओ।‎विष्णु रूप से कल्कि … Read more

laxmi chalisa

laxmi chalisa दोहा‎मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास।‎मनो इच्छा सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥‎सिन्धु सुता विष्णुप्रिये नट श्री बारम्बार।‎ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नट श्री बारंबार ॥ टेक ॥‎सिन्धु सुता मैं सुमिरौं तोही। ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोहि॥‎तुम समान नहीं कोई उपकारी। सब विधि पुरबहु आस हमारी॥‎जय जय जगत जननि जगदंबा। हर एक तुम्हीं हो … Read more