सूर्य देव की आरती
सूर्य देव की आरती
सूर्य देव की आरती
खाटू श्याम जी की आरती
shiv panchakshar stotra नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय।नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै अपराधीाय नमः शिवाय मंदाकिनीसलिलचंदनचर्चितायनंदीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।मन्दारपुष्पबाहुपुष्पसुपूजितायतस्मै मकराय नमः शिवायशिवाय गौरीवदनाभवृन्दसूर्याय दक्षाध्वर्नाकाय।श्रीनीलकण्ठाय वृषभध्वजायतस्मै शिकाराय नमः शिवाय कुंभोद्भवगौतमार्यमुनिन्द्र देवार्चिता शेखराय।चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनायतस्मै वक्राय नमः शिवाययज्ञस्वरूपाय जटाधरायपिनाकहस्ताय सनातनाय।दिव्याय देवाय दिगम्बरायतस्मै यकाराय नमः शिवाय पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पचेच्छिवसंनिधौ।शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदतेअर्थवे पास हैं जिनके पास साइयों के राजा हैं, उनके माला के रूप हैं, और … Read more
भैरव चालीसा ॥ श्री भैरव चालीसा ॥ श्री गणपति गुरु गौरी सहित पद प्रेम धरि मठ। चालीसा वन्दन करौं श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल। श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल ॥ जय जय श्री काली के लाला। जयति जयति काशी-कुटवाला॥ जयति बटुक-भैरव भय हरे। जयति काल-भैरव बलकारी॥ जयति … Read more
saraswati chalisa दोहा ॥जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि।बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु।रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥॥ चौपाई ॥जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥रूप चतुर्भुजधारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥जग में पाप बुद्धि जब होती।जबहि धर्म … Read more
saraswati stotram विनियोगॐ अस्य श्री सरस्वतीस्तोत्रमंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः। गायत्री छन्दः।श्री सरस्वती देवता। धर्मार्थकाममोक्षार्थे जपे विनियोगः।आरूढ़ा श्वेतहंसे भ्रमति च गगने दक्षिणे चाक्षसूत्रं वामे हस्ते चदिव्याम्बरकनकमयं पुस्तकं ज्ञानगम्या। सा वीणां वादयंती स्वकरकरजपैः शास्त्रविज्ञानशब्दैःक्रीडंती दिव्यरूपा करकमलधरा भारती सुप्रसन्ना॥1॥ श्वेतपद्मासना देवी श्वेतगन्धानुलेपना।अर्चिता मुनिभिः सर्वैर्ऋषिभिः स्तूयते सदा।एवं ध्यात्वा सदा देवीं वांछितं लभते नरः॥2॥ शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्यापिनींवीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहम्।हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने … Read more
santoshi mata chalisa दोहा ॥श्री गणपति पद नाय सिर,धरि हिय शारदा ध्यान।सन्तोषी मां की करुँ,कीरति सकल बखान॥॥ चौपाई ॥जय संतोषी मां जग जननी।खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥गणपति देव तुम्हारे ताता।रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥माता-पिता की रहौ दुलारी।कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी।कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥सोहत अंग छटा छवि प्यारी।सुन्दर चीर सुनहरी … Read more
ram chalisa दोहा ॥आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनंवैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणंबाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं॥ चौपाई ॥श्री रघुबीर भक्त हितकारी ।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥निशि दिन ध्यान धरै जो कोई ।ता सम भक्त और नहिं होई ॥ध्यान धरे शिवजी मन माहीं ।ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं … Read more
shree suktam ॐ हिरण्यवर्णं हरिणीं, सुवर्णार्जतस्त्रजाम्।चन्द्रां हिरण्यमयं लक्ष्मीं, जातवेदो मा आ वह।। तं म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमन्पगामिनीम्।यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गमश्वं पुरुषान्हम्।। अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनिम।श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीमा देवी जुष्टाम्।। कं सोमितं हिरण्यप्राकारमर्द्रं ज्वलन्तिं तृप्तां तर्पयन्तिम्।पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तमिहोप ह्वये श्रियम्।। चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्ति श्रियं लोके देवजुष्टामुदारम्।तं पद्मिनीमिं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे।। … Read more
narsingh chalisa नित-प्रति पाठ करे इक बारासो नर रहे तुम्हारा प्यारा।।35।।नरसिंह चालीसा जो जन गावेदु:ख-दरिद्र ताके निकट न आवे।।36।।चालीसा जो नर पढ़े-पढ़ावेसो नर जग में सब कुछ पावे।।37।।यह श्री नरसिंह चालीसापढ़े रंक होवे अवनीसा।।38।।जो ध्यावे सो नर सुख पावेतोही विमुख बहु दु:ख उठावे।।39।।‘शिवस्वरूप है शरण तुम्हारीहरो नाथ सब विपत्ति हमारी’।।40।।चारों युग गायें तेरी महिमा अपरंपार।निज … Read more