tulsi chalisa

tulsi chalisa दोहा ॥‎जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी ।‎नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी ॥‎‎श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब ।‎जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥‎‎॥ चौपाई ॥‎धन्य धन्य श्री तलसी माता ।‎महिमा अगम सदा श्रुति गाता ॥‎‎हरि के प्राणहु से तुम प्यारी ।‎हरीहीँ हेतु कीन्हो तप भारी … Read more

vishnu chalisa

vishnu chalisa ‎दोहा ।।‎‎विष्णु सुनिए विनायक सेवक की चिताले।‎कीरत कुछ वर्णन विवरण दीजै ज्ञानाय बतायें ॥‎‎।।चौपाई।।‎‎नमो विष्णु भगवान खरारी , कष्ट नशावन अखिल बिहारी।‎प्रबल जगत में शक्ति विवाह , त्रिभुवन फल रही उजियारी॥‎‎सुंदर रूप मनोहर सूरत , सरल स्वभाव मोहनी मूरत।‎तन पर पीताम्बर अति सोहत , बसंती मंगल मन मोहत॥‎‎शंख चक्र कर गदा बिराजे , … Read more

कृष्ण चालीसा

krishna chalisa ‎दोहा॥‎बंशी शोभित कर मधुर,‎नील जलद तन श्याम ।‎अरुण अधर जनु बिम्बफल,‎नयन कमल अभिराम ‎पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,‎पीताम्बर शुभ साज ।‎जय मनमोहन मदन छवि,‎कृष्णचन्द्र महाराज ॥‎‎॥ चौपाई ॥‎जय यदुनन्दन जय जगवन्दन ।‎जय वसुदेव देवकी नन्दन ॥‎‎जय यशुदा सुत नन्द दुलारे ।‎जय प्रभु भक्तन के दृग तारे ॥‎‎जय नट-नागर नाग नथैया ।‎कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया … Read more

shiv chalisa

shiv chalisa दोहा ॥‎जय गणेश गिरिजा सुवन,‎मंगल मूल सुजान ।‎कहत अयोध्यादास  तुम ‎‎‎॥ चौपाई ॥‎जय गिरिजा पति दीन दयाला ।‎सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥‎‎भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।‎कानन कुण्डल नागफनी के ॥‎‎अंग गौर शिर गंग बहाये ।‎मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥‎‎वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।‎छवि को देखि नाग मन मोहे ॥‎‎मैना मातु की हवे दुलारी … Read more

durga chalisa

durga chalisa नमो नमो दुर्गे सुख करनी।‎नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥‎ ‎निरंकार है ज्योति तुम्हारी।‎तिहूं लोक फैली उजियारी॥‎ ‎शशि ललाट मुख महाविशाला।‎‎नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥‎ ‎रूप मातु को अधिक सुहावे।‎दरश करत जन अति सुख पावे॥‎‎ ‎तुम संसार शक्ति लै कीना।‎पालन हेतु अन्न धन दीना॥‎ ‎अन्नपूर्णा हुई जग पाला।‎तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥‎ ‎प्रलयकाल सब नाशन … Read more